भारत में शिल्पकारों और कारीगरों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से दो प्रमुख योजनाएं हैं – विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना (Vishwakarma Shram Samman Yojana) और पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana)। यह दोनों योजनाएं भले ही एक ही उद्देश्य से संबंधित हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रमुख अंतर हैं। कई लोग इन योजनाओं के बीच के अंतर को समझ नहीं पाते हैं और इनका सही तरीके से लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। इस लेख में हम आपको इन दोनों योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे ताकि आप यह समझ सकें कि कौन सी योजना आपके लिए अधिक फायदेमंद है।
Vishwakarma Shram Samman Yojana क्या है?
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, और टूल किट प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या अपनी पारंपरिक कला और शिल्प को आधुनिक तकनीकों के साथ सुधारना चाहते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
- आर्थिक सहायता: इस योजना के अंतर्गत कारीगरों को ₹10,000 से लेकर ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सहायता उन लोगों के लिए है जो अपना स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं या पहले से चल रहे व्यवसाय को और भी बेहतर बनाना चाहते हैं।
- ट्रेनिंग: कारीगरों और शिल्पकारों को 6 दिन का मुफ्त कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें उन्हें उनकी कला को और बेहतर बनाने के लिए नए-नए तकनीकी तरीकों की जानकारी दी जाती है।
- टूल किट वितरण: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, सरकार द्वारा उन्हें आवश्यक टूल किट दी जाती है ताकि वे अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकें। यह टूल किट व्यवसाय की जरूरतों के अनुसार दी जाती है।
- स्वरोजगार प्रोत्साहन: योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करती है और इसके लिए उन्हें फाइनेंशियल सहायता भी प्रदान की जाती है।
लाभ:
- व्यापक आर्थिक सहायता: इस योजना के तहत स्वरोजगार शुरू करने वालों को ₹10,000 से ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सहायता छोटे से छोटे व्यवसाय से लेकर बड़े व्यवसाय तक के लिए हो सकती है।
- फ्री टूल किट: ट्रेनिंग के बाद सरकार द्वारा लाभार्थियों को मुफ्त टूल किट दी जाती है, जो उनके व्यवसाय के लिए आवश्यक होती है। इससे उन्हें अतिरिक्त खर्च करने की जरूरत नहीं होती।
- प्रशिक्षण का अवसर: कारीगरों को 6 दिन का मुफ्त कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपने काम को और भी बेहतर तरीके से कर सकें और व्यवसाय में नई तकनीकों का उपयोग कर सकें।
- स्वरोजगार को प्रोत्साहन: राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से कारीगरों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
पात्रता:
- उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- पिछले 2 वर्षों में किसी भी सरकारी योजना से टूल किट का लाभ न लिया हो।
- परिवार के केवल एक सदस्य को योजना का लाभ मिल सकता है।
- लाभार्थी को पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए, जैसे बढ़ई, लोहार, दर्जी, मिस्त्री, कुम्हार आदि।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के कारीगरों और शिल्पकारों को मुख्यधारा में शामिल कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
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पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
पीएम विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रही एक योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक मदद और ट्रेनिंग के जरिए आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, कारीगरों को विभिन्न प्रकार की सहायता दी जाती है ताकि वे अपनी कला को न केवल बचा सकें, बल्कि उसे आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर व्यवसाय में भी सफलता प्राप्त कर सकें। यह योजना पूरे भारत में लागू होती है और इसका लाभ देश के किसी भी राज्य का नागरिक उठा सकता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- ई-वाउचर के रूप में टूल किट: इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ₹15,000 तक का टूल किट ई-वाउचर के रूप में प्रदान किया जाता है। इससे वे आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं और अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
- कौशल विकास प्रशिक्षण: योजना के तहत 5 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन की एडवांस्ड ट्रेनिंग दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान, प्रति दिन ₹500 का भत्ता भी दिया जाता है ताकि लाभार्थी आर्थिक रूप से बोझ महसूस न करें।
- लोन की सुविधा: इस योजना के अंतर्गत कारीगरों को 1 लाख से 2 लाख रुपए तक का लोन भी प्रदान किया जाता है, ताकि वे अपने व्यवसाय को और बढ़ा सकें। यह लोन कम ब्याज दर पर उपलब्ध होता है।
- व्यापक पहुंच: यह योजना केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है। भारत के किसी भी राज्य का नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकता है।
लाभ:
- ई-वाउचर: योजना के तहत लाभार्थियों को ₹15,000 तक का ई-वाउचर मिलता है, जिससे वे अपने व्यवसाय के लिए आवश्यक उपकरण खरीद सकते हैं। यह वाउचर सीधा उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
- प्रशिक्षण भत्ता: 5 दिन की बेसिक और 15 दिन की एडवांस्ड ट्रेनिंग के दौरान लाभार्थियों को ₹500 प्रति दिन का भत्ता दिया जाता है। इससे उन्हें ट्रेनिंग के दौरान आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
- लोन सुविधा: इस योजना के तहत कारीगरों को 1 से 2 लाख तक का लोन उपलब्ध होता है, जिससे वे अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ा सकते हैं।
- व्यवसाय वृद्धि का अवसर: इस योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं कारीगरों को न केवल अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद करती हैं, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने का भी अवसर मिलता है।
पात्रता:
- भारत का कोई भी नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक को पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए, जैसे बढ़ई, लोहार, दर्जी, कुम्हार, मिस्त्री आदि।
- आवेदक को पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना से टूल किट या लोन का लाभ न मिला हो।
- परिवार के केवल एक सदस्य को योजना का लाभ मिल सकता है।
दोनों योजनाओं के बीच मुख्य अंतर:
विशेषता | पीएम विश्वकर्मा योजना | विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना |
---|---|---|
संचालन | केंद्र सरकार द्वारा | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा |
लाभार्थी | पूरे भारत के कारीगर | केवल उत्तर प्रदेश के कारीगर |
लाभ | ₹15,000 का ई-वाउचर और ₹500 प्रति दिन प्रशिक्षण भत्ता | ₹10,000 से ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता और टूल किट |
ट्रेनिंग | 5 दिन की बेसिक और 15 दिन की एडवांस्ड ट्रेनिंग | 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग |
लोन सुविधा | 1-2 लाख तक का लोन | लोन की सुविधा नहीं |
पात्रता | भारत के किसी भी राज्य का नागरिक | केवल उत्तर प्रदेश के निवासी |
कौन सी योजना आपके लिए सही है?
यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, तो आपके पास दोनों योजनाओं में से एक का चयन करने का विकल्प है। अगर आप ज्यादा आर्थिक सहायता और कम समय की ट्रेनिंग चाहते हैं, तो विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आपके लिए उपयुक्त हो सकती है। वहीं, अगर आप एक व्यापक ट्रेनिंग, टूल किट के साथ-साथ लोन की सुविधा चाहते हैं, तो पीएम विश्वकर्मा योजना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है।
इसके अलावा, अगर आप उत्तर प्रदेश के बाहर के निवासी हैं, तो आप केवल पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, अपनी जरूरतों और पात्रता के आधार पर योजना का चयन करें और उसका पूरा लाभ उठाएं।
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कैसे करें आवेदन?
दोनों योजनाओं में आवेदन की प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में आवेदन:
- ऑनलाइन आवेदन: आप उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन:
- ऑनलाइन आवेदन: आप पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट या प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Vishwakarma Shram Samman Yojana और पीएम विश्वकर्मा योजना, दोनों ही योजनाएं पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, दोनों के बीच कई समानताएं हैं, फिर भी इनमें पात्रता, लाभ और संचालन के स्तर पर अंतर है। इसलिए, अपने आवश्यकताओं के अनुसार सही योजना का चयन करें और लाभ उठाएं।