दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुजारी और ग्रंथि समाज के सम्मान के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। इस योजना का नाम “Pujari Granthi Samman Yojana” रखा गया है, जिसके तहत मंदिरों और गुरुद्वारों के पुजारी व ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह सम्मान राशि दी जाएगी। यह निर्णय न केवल समाज में धार्मिक गुरुओं के महत्व को पहचानने का प्रयास है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है। इस लेख में हम इस योजना के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Pujari Granthi Samman Yojana का उद्देश्य
पुजारी और ग्रंथियों का कार्य केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है; वे समाज में नैतिकता और धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- धार्मिक गुरुओं का आर्थिक सहयोग: उनकी जरूरतों को पूरा करने में मदद करना।
- सम्मान को बढ़ावा देना: समाज में उनकी भूमिका को पहचानना और सम्मानित करना।
- अन्य राज्यों को प्रेरित करना: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जैसी पार्टियों को अपने राज्यों में इसी तरह की योजनाएं लागू करने के लिए प्रेरित करना।
Pujari Granthi Samman Yojana की विशेषताएं
- 18,000 रुपये मासिक सम्मान राशि: – मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को यह राशि प्रदान की जाएगी। – इसे वेतन नहीं बल्कि “सम्मान राशि” के रूप में देखा जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: – रजिस्ट्रेशन 2 जनवरी 2024 से शुरू हो चुका है। – मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वयं कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में जाकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का शुभारंभ किया। – रजिस्ट्रेशन का कार्य दिल्ली के हर मंदिर और गुरुद्वारे में किया जाएगा।
- पहली बार ऐसा प्रयास: – भारत में पहली बार किसी सरकार ने धार्मिक गुरुओं को सम्मानित करने के लिए ऐसी योजना की घोषणा की है। – केजरीवाल ने इसे दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई क्रांति जैसा बताया।
Pujari Granthi Samman Yojana के लिए पंजीकरण प्रक्रिया
योजना में शामिल होने के लिए पुजारियों और ग्रंथियों को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- ऑनलाइन पंजीकरण: – योजना के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है, जहां पुजारी और ग्रंथी अपना नाम दर्ज कर सकते हैं। – आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स की आवश्यकता होगी।
- ऑफलाइन पंजीकरण: – जो लोग ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकते, वे अपने नजदीकी मंदिर या गुरुद्वारे में जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं। – आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में मदद करेंगे।
- पंजीकरण शुल्क: – पंजीकरण पूरी तरह से निःशुल्क है।
भाजपा और कांग्रेस पर टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से अनुरोध किया है कि वे भी अपने-अपने राज्यों में इस तरह की योजना लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी योजनाओं को रोकने के प्रयास नहीं करने चाहिए। उन्होंने बताया कि कैसे भाजपा ने महिला सम्मान योजना और अन्य सामाजिक योजनाओं को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
Pujari Granthi Samman Yojana का महत्व
- धार्मिक समाज का सशक्तिकरण: – यह योजना पुजारी और ग्रंथी समाज को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी।
- सामाजिक न्याय: – पहली बार किसी सरकार ने धार्मिक गुरुओं के लिए सम्मान राशि का प्रावधान किया है।
- अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा: – यह योजना अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कदम उठाने की प्रेरणा देगी।
चुनौतियां और समाधान
- रजिस्ट्रेशन में बाधाएं: – कुछ राजनीतिक दलों द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास किया जा सकता है। – समाधान: सरकार ने कार्यकर्ताओं को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया है।
- योजना की पारदर्शिता: – सम्मान राशि सही व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम की आवश्यकता है। – समाधान: रजिस्ट्रेशन और भुगतान प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और ट्रांसपेरेंट होगी।
निष्कर्ष
“पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना” एक क्रांतिकारी कदम है, जो समाज में धार्मिक गुरुओं के महत्व को पहचानने और उनके योगदान का सम्मान करने की दिशा में पहला प्रयास है। यह योजना न केवल दिल्ली में धार्मिक गुरुओं के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि अन्य राज्यों को भी इसी तरह की पहल करने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसे एक सम्मान राशि के रूप में प्रस्तुत करके यह स्पष्ट किया है कि यह केवल वित्तीय मदद नहीं है, बल्कि समाज में धार्मिक गुरुओं की भूमिका को मान्यता देने का एक माध्यम है।
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