प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana), जो भारत में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई सबसे बड़ी योजना है, में हाल ही में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। 20 सितंबर 2024 को सरकार ने इस योजना में 5 बड़े बदलाव किए हैं, जिनसे सोलर पैनल सिस्टम लगाना और भी आसान हो गया है। इन बदलावों के तहत अब बैटरी स्टोरेज, सोलर ट्रैकर, और हाइब्रिड इनवर्टर जैसी नई तकनीकें शामिल की गई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इन 5 बड़े बदलावों के बारे में।
सेंट्रल फाइनेंस असिस्टेंट के तहत सब्सिडी में बदलाव
पहला बड़ा बदलाव सब्सिडी के नियमों में हुआ है। अब आपको सोलर पैनल सिस्टम लगाने पर नई सब्सिडी दरें मिलेंगी।
- 1 किलोवाट सोलर पैनल पर 30,000 रुपये की सब्सिडी।
- 2 किलोवाट सोलर पैनल पर 60,000 रुपये की सब्सिडी।
- 3 किलोवाट सोलर पैनल पर 78,000 रुपये की सब्सिडी।
इसके अलावा, यदि आप 1.5 किलोवाट का पैनल लगाते हैं, तो उस पर भी सब्सिडी उसी हिसाब से कैलकुलेट होगी। यानी 1 किलोवाट पर जो 30,000 रुपये मिलते हैं, उसी के आधार पर आपकी सब्सिडी का मूल्य तय होगा।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम पर सब्सिडी
पहले, केवल ऑन-ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम पर सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब हाइब्रिड सोलर सिस्टम पर भी सब्सिडी उपलब्ध होगी। हाइब्रिड सिस्टम में बैटरी स्टोरेज और सोलर पैनल का मिश्रण होता है, जो बिजली कटने पर बैकअप के रूप में काम करता है। इस अपडेट के तहत, यदि आप बैटरी स्टोरेज और हाइब्रिड इनवर्टर के साथ सोलर पैनल लगाते हैं, तो आपको भी सब्सिडी मिलेगी।
सोलर ट्रैकर और विंड हाइब्रिड तकनीक
अब आप सोलर पैनल के साथ सोलर ट्रैकर या विंड हाइब्रिड तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। सोलर ट्रैकर एक ऐसी तकनीक है, जो सूरज की दिशा के अनुसार मूव करता है और ज्यादा बिजली उत्पन्न करने में मदद करता है। इसके अलावा, आप विंड टरबाइन के साथ भी सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इस नई तकनीक पर भी आपको सब्सिडी मिलेगी।
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जियो-टैग फोटोग्राफी अनिवार्य
अब, सोलर पैनल सिस्टम की सब्सिडी के लिए आपको जियो-टैग्ड फोटोज अपलोड करनी होंगी। इसका मतलब यह है कि आपको एक GPS इनेबल्ड कैमरा ऐप का उपयोग करके सोलर पैनल की फोटो लेनी होगी, जो लोकेशन और समय को रिकॉर्ड करेगा। अगर फोटो जियो-टैग्ड नहीं होगी, तो सरकार उसे मान्य नहीं करेगी और आपकी सब्सिडी प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
कस्टमर की उपस्थिति अनिवार्य नहीं
पहले, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के दौरान कस्टमर को साइड में खड़ा करके फोटो लेना अनिवार्य था, लेकिन अब ऐसा जरूरी नहीं है। अब आप बिना कस्टमर की उपस्थिति के केवल जियो-टैग्ड फोटो अपलोड कर सकते हैं। यह बदलाव वेंडर्स के लिए काफी सुविधाजनक है, क्योंकि कस्टमर की अनुपस्थिति के कारण डाक्यूमेंटेशन प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।
PM Surya Ghar Yojana के इन बदलावों के लाभ
इन 5 बड़े बदलावों के बाद सोलर पैनल सिस्टम लगाना और भी आसान हो गया है। अब आप बैटरी स्टोरेज और सोलर ट्रैकर जैसी नई तकनीकें इस्तेमाल कर सकते हैं, और सब्सिडी भी पहले की तरह ही मिलेगी। इसके अलावा, कस्टमर की उपस्थिति की अनिवार्यता खत्म होने से डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।
निष्कर्ष
PM Surya Ghar Yojana में किए गए ये बदलाव न सिर्फ सोलर पैनल सिस्टम को और भी सुलभ बना रहे हैं, बल्कि नई तकनीकों को भी इसमें शामिल कर रहे हैं। बैटरी स्टोरेज, सोलर ट्रैकर, और हाइब्रिड इनवर्टर जैसी सुविधाएं इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। अगर आप सोलर पैनल सिस्टम लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय है।